मुख्य सामग्री पर जाएं | मनपसंद में जोड़े | Change Language
भारतीय रेलवे की हरित ऊर्जा पहल
Emb
irgreenri

मुंबई मंडल पर डीसी/एसी कन्वर्जन

वर्ष 1925 में मध्य रेलवे के मुंबई मंडल में डीसी कर्षण सिस्टम आरंभ किया गया। यह सेक्शन 1500 वोल्ट डीसी सिस्टम पर विद्युतीकृत किया गया । डीसी सिस्टम का 25 किलो वोल्ट एसी सिस्टम (आरकेएम-441 और टीकेएम-1681)में कनवर्जन 1996-97 में आरंभ हुआ। डीसी सिस्टम के 25 किलो वोल्ट एसी सिस्टम में कन्वर्जन से निम्नलिखित लाभ हुए :

  • थ्री फेज़ इलेक्ट्रिक लोको और ईएमयू के आरंभ होने से ऊर्जा लागत में महत्वपूर्ण कमी.
  • उच्च शक्ति लोकोमोटिव का आरंभ। कम मेंटेनेंस वाले डब्ल्यूएजी 7 लोको ज्यादा अच्छे हैं और डीसी लोको की अपेक्षा अधिक ट्रैक्टिव प्रयास(effort) जेनरेट करते हैं। इसके परिणामस्वरूप घाट सेक्शनों में उच्चतर गति और ट्रैक्शन की मौजूदा हैंडलिंग ( डीसी से 16 गुना कम) पर संचालन सुचारू रूप से होगा ।
  • समान स्तर के यातायात के लिए अधिकतम शक्ति की मांग में कमी
  • उच्च विश्वसनीयता और कम मेंटेनेंस लागत वाले सबस्टेशनों की सं. 73 से घटकर 18 रह जाना
  • ट्रैक्शन सबस्टेशन में लाइटिंग लोड घटने के कारण ऊर्जा बचत
  • एसी लोको में लोअर ट्रैक्शन के मौजूदा प्रबंधन से कॉंटेक्ट तारों की क्षमता में वृद्धि.
  • अधिक आवेश प्रतिरोध के लिए 25 केवी एसी सिस्टम में उच्चतर वोल्टेज इंसुलेशन स्तर
  • एसी सिस्टम में रेल (पटरी) जुड़ाई पर कम रखरखाव.
  • उच्च स्तरीय तकनीकी आरंभ करने, ऑडियो फ्रीक्वेंसी दोहरे रेलपथ सर्किट के द्वारा सिग्नलिंग सिस्टम की संरक्षा और विश्वसनीयता में सुधार।
  • ऑप्टीकल फाइबर केबल के प्रावधान से संचार में सुधार.
  • प्रसार/संप्रेषण में कमी और वितरण घाटा क्योंकि डीसी सिस्टम की तुलना में एसी सिस्टम में करेंट धीमा है। मई से जुलाई तक सीएसटीएम – थाणे सेक्शन में एस डब्ल्यू ऊर्जा खपत में लगभग शुद्ध 5.3% की कमी रही।
वसई रोड-दीवा-पनवेल-जसई,पुणे-कल्याण,इगतपुरी-कल्याण और कल्याण-सीएसटीएम सेक्शन 25 केवी एसी सिस्टम में परिवर्तित कर दिए गए हैं। सीएसटीएम-पनवेल हार्बर लाइन का कन्वर्जन कार्य प्रगति पर है और आशा है कि मार्च-2016 तक पूरा कर लिया जाएगा।